समास और उसके भेद, उदाहरण हिंदी ग्रामर

Samas in hindi grammar

समास की परिभाषा:– समास का अर्थ होता है    ‘संक्षिप्तीकरण’। हिंदी व्याकरण में समास का सरल अर्थ होता है छोटा रूप; जब दो या दो से अधिक शब्द मिलकर नए और सार्थक शब्द का निर्माण करते हैं, तो उसे समास कहते हैं।

समास के लिए उदाहरण:–

१. नीला और कमल – नीलकमल 

२. हाथ की कड़ी – हथकड़ी

३. रसोई के लिए घर – रसोईघर

४. नील के लिए कंठ – नीलकंठ

सामासिक शब्द किसे कहते हैं?

समास के नियमों से जो निर्मित शब्द होते हैं, सामासिक शब्द कहलाते हैं। इसे एक और भाषा में कहते हैं समस्तपद अर्थात इसे समस्तपद भी कहते हैं।

समास होने के बाद विभक्तिओं के चिन्ह(परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं।

जैसे– ऊपर आपको एक उदाहरण दिया है राजपुत्र।

समास–विग्रह किसे कहते हैं?

जो सामासिक शब्द होते हैं उन सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास– विग्रह कहलाता है। जब समास का विग्रह होता है तो इसके पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है।

जैसे– राज+ पुत्र– राजा का पुत्र

राष्ट्र+ गान– राष्ट्रगान

पूर्वपद और उत्तरपद क्या होते हैं?

समास में दो शब्द (पद) होते हैं। पहले पद या शब्द को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं। जैसे– 

स्नानघर। इसमें पूर्वपद स्नान और उत्तरपद घर है।

समास के कितने भेद/ प्रकार होते हैं?

समास के 6 भेद होते हैं।

१. अव्ययीभाव समास

२. तत्पुरुष समास

३. द्वंद समास

४. द्विगु समास

५. कर्मधारय समास

६. बहुव्रीहि समास।

अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं?

अव्ययीभाव समास की परिभाषा :– जब दो शब्द हो और पहला शब्द अव्यय और प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इसमें प्रथम पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। इस समास में अव्यय पद का प्रारूप लिंग, वचन, कारक,में नहीं बदलता है वह हमेशा एक जैसा रहता है।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण:– 

१. यथाक्रम– क्रम के अनुसार

२. प्रतिदिन– प्रत्येक दिन

३. यथाशक्ति– शक्ति के अनुसार

४. प्रतिवर्ष– प्रत्येक वर्ष

५. आजन्म– जन्म से लेकर

६. यथाकाम– इच्छानुसार

७. घर– घर– प्रत्येक घर

८. धड़ाधड़– धड़– धड़ की आवाज के साथ

९. आमरण– मृत्यु तक।

यह सभी उदाहरण अव्ययीभाव समास के हैं। इसमें यथाक्रम, प्रतिदिन आदि सभी अव्यय है।

तत्पुरुष समास किसे कहते हैं?

तत्पुरुष समास की परिभाषा :– जिस समास में पहला शब्द (पद) गोण (महत्वहीन) हो और दूसरा शब्द प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। इस समास में दूसरा पद प्रधान होता है। तत्पुरुष समास कारक से जुड़ा होता है।

तत्पुरुष समास के उदाहरण:– 

१. पुस्तकालय– पुस्तकों का आलय

२. राजपुत्र– राजा का पुत्र

३. देश के लिए भक्ति– देशभक्ति

४. राह के लिए खर्च– राहखर्च

५. राजा का महल– राजमहल।

तत्पुरुष समास के कितने भेद होते हैं?

तत्पुरुष समास के पूर्ण रूप से आठ भेद होते हैं, किंतु विग्रह करने की वजह से कर्ता और संबोधन दो भेदों का लुप्त हो रखा है।

इसलिए इन दोनों के लुप्त होने के वजह से विभक्तिओं के अनुसार तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं।

१. कर्म तत्पुरुष

२. करण तत्पुरुष

३. संप्रदाय तत्पुरुष

४. अपादान तत्पुरुष

५. संबंध तत्पुरुष

६. अधिकरण तत्पुरुष।

कर्मधारय समास किसे कहते हैं?

कर्मधारय समास की परिभाषा :– जिस समास में बाद वाला शब्द प्रधान हो और दोनों शब्दों में संज्ञा और विशेषण का संबंध हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं। इस समास का उत्तरपद प्रधान होता है।इस समास में विशेषण -विशेष्य और उपमेय -उपमान से मिलकर बनते हैं।

कर्मधारय समास के उदाहरण:– 

१. नीलगाय– नीली है जो गाय

२. चंद्रमुख– मुख है जो चंद्रमा के समान

३. लालमणि– लाल है जो मणि

४. महादेव– महान है जो देव

५. पितांबर– पीत है जो अम्बर

६. चरणकमल– कमल के समान है जो चरण

७. नवयुवक– नव है जो युवक।

कर्मधारय समास के कितने भेद/ प्रकार होते हैं?

कर्मधारय समास के पांच भेद होते हैं।

१. विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास

२. विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास

३. विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास

४. विशेष्योभयपद कर्मधारय समास

५. विशेषण पूर्वपद कर्मधारय समास।

द्वंद समास किसे कहते हैं?

द्वंद समास की परिभाषा :– जिस समास में दोनों शब्द प्रधान हो और विग्रह करने पर, और, अथवा, या लगे, उसे द्वंद समास कहते हैं।

द्वंद समास के उदाहरण:– 

१. रात– दिन : रात और दिन

२. माता– पिता : माता और पिता

३. दूध –दही : दूध अथवा दही

४. भाई –बहन : भाई और बहन

५. अन्न– जल : अन्न और जल

६. अपना– पराया : अपना और पराया

७. राजा– रंक : राजा और रंक

८. देश-विदेश : देश और विदेश

९. रुपया– पैसा : रुपया या पैसा

१०. मार–पीट : मार और पीट

इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि सभी उदाहरण में और, अथवा, या का इस्तेमाल किया गया है। जहां पर भी आपको और ,अथवा, या दिखाई दे वहां पर द्वंद समास होगा।

द्विगु समास किसे कहते है?

द्विगु समास की परिभाषा :– जिस समास में पहला शब्द संख्यावाची हो और वह विशेषण हो, उसे द्विगु समास कहते हैं। वह समास जिसका पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद समाहार या समूह का बोध कराता है,वह द्विगु समास कहलाता है।

 द्विगु समास के उदाहरण:–

१. चौराहा– चार राहों का समाहार 

२. सप्ताह– सात दिनों का समूह

३. अठन्नी– आठ पैसे का समाहार

४. दोपहर– दो पहरों का समाहार

५. चौमासा– चार मासों का समाहार

६. शताब्दी– सौ सालों का समूह

७. पंचतंत्र– पांच तंत्रों का समाहार

८. त्रिवेणी– तीन वेणियों का समाहार

९. तिमाही– 3 माह का समाहार

बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं?

 बहुव्रीहि समास की परिभाषा :– जिस समास में दोनों शब्दों के अलावा कोई तीसरा शब्द प्रधान हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जिस समास के समस्तपदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं हो एवं दोनों पद मिलकर किसी भी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वहां पर बहुव्रीहि समास होता है।

बहुव्रीहि समास के उदाहरण:– 

१. लंबोदर– लंबा है उदर जिसका अर्थात गणेश

२. गजानन– गज से आनन वाला

३. दशानन– दश आनन है जिसका अर्थात रावण

४. त्रिलोचन– तीन आंखें हैं जिसके अर्थात शिव जी

५. मुरलीधर– जिसके होठों पर मुरली है अर्थात कृष्ण

उपरोक्त उदाहरण में आप देख सकते हैं कि सभी उदाहरण में सभी का तीसरा अर्थ निकल रहा है। जहां पर भी आपको ऐसे शब्द नजर आए वहां पर बहुव्रीहि समास होगा।

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