Class 11 (इतिहास) Chapter- 7 बदलती हुई सांस्कृतिक परम्पराएँ most Important Questions and answer for [Annual exams]

NCERT Solutions for class 11th (history) chapter- 7 Badalti hui sanskritik paramparayen most important Questions and answer

Question: 1 ‘द लास्ट सपर’ चित्र बनाने वाले कलाकार का क्या नाम था?

Answer:

द लास्ट सपर’ चित्र ‘लियोनार्डो द विंची’ नामक कलाकार ने बनाया था।

Question: 2 भिक्षुक मार्टिन लूथर किस देश के निवासी थे?

Answer:

भिक्षुक मार्टिन लूथर जर्मनी के निवासी थे।

Question: 3 ‘सोसाइटी ऑफ़ जीसस’ क्या थी?

Answer:

कैथलिक चर्च द्वारा आंतरिक सुधार के लिए बनाई गई संस्था।

Question: 4 टाॅमस मोर की यूटोपिया कब प्रकाशित हुई?

Answer:

टाॅमस मोर की यूटोपिया 1516 मे प्रकाशित हुई।

Class 11 (history) Chapter – 7 (term-II) बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराए (महत्वपूर्ण प्रश्न/उत्तर)

Question: 5 जर्मन निवासी जोहानेस गुटेनबर्ग द्वारा 1455 मे सबसे पहले अपने छापेखाने में क्या छपा गया?

Answer:

जर्मन निवासी जोहानेस गुटेनबर्ग द्वारा 1455 में सबसे पहले अपने छापेखाने में बाइबल की 150 प्रतियाँ छापी गई।

Question: 6 मार्टिन लूथर द्वारा आरंभ किया गया कैथोलिक चर्च के विरुद्ध अभियान क्या कहलाया?

Answer:

प्रोटेस्टेट सुधारवाद:- मार्टिन लूथर (1483-1546) ईसाई धर्म में प्रोटेस्टवाद नामक सुधारवाद आंदोलन चलाने के लिए विख्यात है। वे जर्मन भिक्षु, धर्मशास्त्र, विश्वविद्यालय में प्राध्यापक, पादरी एवं चर्च सुधारक थे जिनके विचारों के द्वारा प्रोटेस्टिज्म सुधार आंदोलन आरंभ हुआ जिसने पश्चिमी यूरोप के विकास की दिशा बदल दी।

Question: 7 एन्ड्रयूज वेसेलियस कौन थे और इन्होंने क्या किया ?

Answer:

बेल्जियम मूल के एन्ड्रयूज वेसेलियस (1514-1564) पादुआ विश्वविद्यालय में आयुर्विज्ञान के प्रोफेसर थे। यह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सूक्ष्म परीक्षणों के लिए मानव शरीर की चीर फाड़ प्रारंभ की।

Question: 8 अरबो ने प्लेटों को और एरिस्टोटल को क्या कहा?

Answer:

अरबो ने प्लेटो को अफलातून और एरिस्टोटल को अरस्तु कहा था।

Question: 9 14वीं और 17वीं शताब्दी के मध्य यूरोपीय सभ्यता में आए परिवर्तन और विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

Answer:

14वीं और 17वीं शताब्दी के मध्य यूरोपीय सभ्यता में आए परिवर्तनों की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. नगरों की संख्या में वृद्धि हो रही थी:‐ गांव के लोग नगरों में आकर रहने लगे।

2. नगरीय सभ्यता का विकास हो रहा था।

3. फ्लोरेंस ,वेनिस और रोम कला और विद्या के केंद्र बन गए।

4. राजाओं और चर्च ने नगरों को कुछ स्वायत्तता दे दी थी:- राजाओं और चर्च ने नगरों को कुछ स्थानीय स्वशासन का अधिकार दे दिया था।

5. अमीर और अभिजात वर्ग के लोग कलाकारों को सहायता प्रदान करते थे।

6. मुद्रण (छाप खाना) के अविष्कार से पुस्तक के लोगों को प्राप्त होने लगी:- नगरों में जब पुस्तक (छाप खाना) बना तब लोगों को किताबें पढ़ने के लिए मिलने लगी।

7. प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार धर्म सुन सकता था।

8. पुस्तके छपने से लोगों के ज्ञान में वृद्धि होने लगी:- जब नगर के लोगों को पुस्तकें मिलने लगे तब लोगों ने पढ़ना शुरू किया और नगर के लोगों के पढ़ने लिखने और ज्ञान में वृद्धि होने लगी।

9. भूमध्य सागर विश्व का केंद्र है , यह विचार गलत सिद्ध हो चुका था।

Question: 10 ईसाई धर्म के अंतर्गत वाद-विवाद क्यों हुए और इसके क्या परिणाम हुए?

Answer:

ईसाई धर्म के अंतर्गत वाद विवाद क्यों हुए और इसके परिणाम थे वे निम्नलिखित है :-

1. 15 और आरंभिक 16वीं शताब्दी में उत्तरी यूरोप के विश्वविद्यालयों के अनेक विद्वान मानवतावादी विचारों की ओर आकर्षित हुए उत्तरी यूरोप में मानवतावाद ने ईसाई चर्च के अनेक सदस्यों को आकर्षित किया।

2. अनावश्यक कर्म कांडो को त्यागने की बात की और यह कहकर निंदा की , कि उन्हें एक सरल धर्म में बाद में जोड़ा गया है।

3. उन्होंने ईसाइयों को अपने पुराने धर्म ग्रंथों में बताए गए धर्म का पालन करने का आह्वान किया।

4. वे मानव को एक मुक्त विवेकपूर्ण कर्ता समझते थे।
एक दूरवर्ती ईश्वर में विश्वास रखते थे।
वे मानते थे कि मनुष्य को अपनी खुशी इसी विश्व में वर्तमान में ही होनी चाहिए।

5. मनुष्य को अपना जीवन मुक्त रूप से चलाने की पूरी स्वतंत्रता है।

6. पाप स्वीकारोक्ति दस्तावेज की आलोचना की गई।

7. बाइबल का स्थानीय भाषा में अनुवाद होने से लोगों को पता चला कि धन लूटने वाली प्रथाएं धर्म के अनुकूल नहीं है, जब बाइबल लोगों की स्थानीय भाषा में अनुवादित हुई तो लोगों को पता चला कि ऐसी प्रथाएं जिनसे धन लूटा जाता है ऐसा कुछ बाइबल में लिखा ही नहीं है।

8. चर्च द्वारा किसानों पर लगाए गए करो का विरोध किया गया:- चर्च ने जो किसानों पर कर लगाया था किसानों ने इस बात का विरोध किया।

9. राजा भी चर्च द्वारा राज्य के कार्य में हस्तक्षेप से नाराज थे।

कलाकार और यथार्थवाद-

दोनाल्तलों ने सजीव मूर्तियां बना कर नई परंपरा कायम की। कलाकारों ने हुबहू आकृति बनाने में वैज्ञानिकों से सहायता ली , नर कंकालों का अध्ययन करने के लिए कॉलेज में प्रयोगशाला गए।
आन्ड्रीयस वेसेलियस- पहले व्यक्ति जिन्होंने मनुष्य शरीर की चीर फाड़ की।

चित्र- ‘दि पाइटा’

Question: 11 16वीं शताब्दी में महिलाओं की स्थिति का वर्णन कीजिए।

Answer:

सोलहवीं शताब्दी में महिलाओं की स्थिति का वर्णन निम्नलिखित है :-

1. यद्यपि विवाह में प्राप्त महिलाओं के दहेज को पारिवारिक कारोबार में लगा दिया जाता था तथापि महिलाओं को यह अधिकार नहीं था कि वह अपने पति को कारोबार चलाने में कोई राय दें।

2. अगर पर्याप्त दहेज का प्रबंध नहीं हो पाता था तो शादीशुदा लड़कियों को ईसाई मठों में भिक्षुणी का जीवन बिताने के लिए भेज दिया जाता था।

3. सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी बहुत सीमित (कम) थी और उन्हें घर परिवार को चलाने वाले के रूप में देखा जाता था।

4. वे कारोबार को उसी स्थिति में संभालती थी जब उनके पति लंबे समय के लिए दूर-दराज स्थानों को व्यापार के लिए जाते थे।

5. कुछ महिलाओं ने बौद्धिक रूप से रचनात्मक कार्य किए जैसे- वेनिस निवासी , कसान्द्रा फेदले जो यूनानी और लातिनी भाषा की विद्वान थी।

6. इसाबेला दि इस्ते ने अपने पति की अनुपस्थिति में अपने राज्य पर शासन किया। जो मंटुआ राज्य या राजदरबार में अपनी बौद्धिक प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध थे।

7. व्यापारी की कम आयु में मृत्यु होने पर उसकी पत्नी सार्वजनिक जीवन में बड़ी भूमिका निभाने के लिए बाध्य होती थी।

Question: 12 ‘कॉपरनिकस’ ने किस सत्य की घोषणा की?

Answer:

मार्टिन लूथर के समकालीन कॉपरनिकस (1473-1543) ने खोज कर बताया की पृथ्वी समेत सारे ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।

Question: 13 ‘जेसुइट’ कौन थे?

Answer:

सोसाइटी ऑफ़ जीसस के अनुयायी। ‘जेसुइट पादरी’ अज्ञानियों में ईसाई धर्म का प्रचार करने के उद्देश्य से संगठित ‘सोसाइटी ऑफ़ जीसस’ के सदस्य थे , यह पहली बार भारत में गोवा की पुर्तगाली बस्ती में 1542 ईसवी में आए।

Question: 14 रेंनेसां (पुनर्जागरण) का शाब्दिक अर्थ क्या है? तथा इसमें क्या सांस्कृतिक बदलाव आए?

Answer:

रेंनेसां (पुनर्जागरण) का शाब्दिक अर्थ पुनर्जन्म है तथा इसमें आए सांस्कृतिक बदलाव निम्नलिखित है :-

1. 14वीं से 16वीं शताब्दी में नगरीय संस्कृतियों का विकास हुआ और बड़ी संख्या में पुस्तकों की उपलब्धता बड़ी।

2. इटली के विद्यालयों में सर्वप्रथम मानवतावादी विषयों जैसे इतिहास , दर्शन , नीतिशास्त्र , कविता , व्याकरण आदि को पढ़ाने का आरंभ हुआ।

3. विनम्रता से बोलने , पहनावे और मानसिक दक्षता पर बल दिया गया।

4. वैज्ञानिकों द्वारा अविष्कार और कलाकारों द्वारा प्रसिद्ध कलाकृतियों की रचना हुई।

5. चर्च के विषय में मध्ययुगीन सोच में बदलाव।

6. स्त्री की स्वायत्तता , शिक्षा एवं संपत्ति के अधिकार पर चर्चा होनी शुरू हुई।

Question: 15 मानवतावादी लोगों का क्या तर्क था?

Answer:

मानवतावादी लोगों का तर्क था कि ‘मध्य युग’ के समय के लोगों के दिमाग में चर्च की ही बातें रहती थी जैसे चर्च के सभी आदेशों को मानना और चर्च ने जो कहा वही करना इस तरह चर्च ने लोगों की सोच को जकड़ कर रखा था। इस वजह से यूनान और रोमन वासियों का पूरा ज्ञान उनके दिमाग से निकल चुका था।

Question: 16 मानवतावादी व्यक्ति क्या मानते थे?

Answer:

मानवतावादी व्यक्ति मानते थे कि मनुष्य को ईश्वर ने बनाया है , तथा उसे अपना जीवन मुक्त रूप से चलाने की पूरी आजादी है। मनुष्य को अपनी खुशी इसी विश्व में वर्तमान में ही ढूंढने चाहिए। अर्थात मनुष्य को अपना जीवन आज़ादी से जीना चाहिए। उसके ऊपर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होना चाहिए और उसे अपनी खुशियां इसी दुनिया में वर्तमान में ही ढूंढने चाहिए।

Question: 17 ‘लियोनार्डो द विंची’ कौन थे तथा इनकी अभिरुचि किसमे थी?

Answer:

‘लियोनार्डो द विंची’ एक चर्चित (प्रसिद्ध) कलाकार थे। इनकी अभिरुचि वनस्पति विज्ञान , शरीर रचना विज्ञान से लेकर गणित शास्त्र और कला तक विस्तृत थी इन्होंने ही ‘मोनालिसा’ और ‘द लास्ट सपर’ जैसे चित्र की रचना की थी।

Question: 18 इंग्लैंड के शासकों ने रोम के संबंध किससे तोड़ दिए और वह इंग्लैंड के क्या बन गए?

Answer:

इंग्लैंड के शासकों ने रोम के पोप से संबंध तोड़ दिए और वे इंग्लैंड के चर्च के प्रमुख बन गए थे।

Question: 19 ईसाई धर्म के अंतर्गत किन-किन बातों का विरोध किया गया?

Answer:

ईसाई धर्म के अंतर्गत निम्नलिखित बातों का विरोध किया गया।

1. ईसाई धर्म के अंतर्गत आपसी मतभेद करना।

2. पाप स्वीकारोक्ति करना।

3. दस्तावेज की आलोचना करना।

4. ईसाई धर्म के अंतर्गत चर्च द्वारा लगाए गए नए करो का विरोध करना।

Question: 20 ‘गैलीलियो’ कौन था?

Answer:

‘गैलीलियो’ इटली के एक महान वैज्ञानिक था। उसने दूरबीन यंत्र का आविष्कार किया और खगोलशास्त्र के अनेक तथ्यों और रहस्यों का पता किया।

Question: 21 ‘फ्रांचेस्को पेट्रोर्क’ कौन थे?

Answer:

‘फ्रांचेस्को पेट्रोर्क’ ने प्राचीन यूनान और रोमन लेखकों के गहन अध्ययन के महत्व पर बल दिया तथा रोम में फ्रांचेस्को पेट्रोर्क को राजकवि की उपाधि से सम्मानित किया गया।

Question: 22 पुनर्जागरण के उदय के क्या-क्या कारण थे?

Answer:

पुनर्जागरण के उदय के निम्नलिखित कारण थे :-

1. भौगोलिक स्थिति

2. व्यापार में इटली की मुख्य भूमिका

3. नगरों का पुनरुत्थान जैसे फ्लोरेंस और वेनिस

4. ऑयेमन तुर्को के द्वारा कुस्तुनतुनिया पर कब्ज़ा

5. कुस्तुनतुनिया का पतन

6. संपन्न व्यापारी वर्ग का उदय

7. धर्म युद्ध का प्रभाव

8. राजकीय के संरक्षण

9. प्रभाव या परिणाम

10. सुधार आंदोलन का मार्ग प्रशस्त करना

11. देशी भाषाओं का विकास

12. विज्ञान का विकास

13. लौकिक अभिरुचियों का विकास

14. उद्योग एवं व्यापार वाणिज्य का विकास

Question: 23 सुधारवाद आंदोलन के क्या परिणाम थे?

Answer:

सुधारवादी आंदोलन के निम्नलिखित परिणाम थे :-

1. प्रोटेस्टेंट लोगों को अपनी पसंद के अनुसार उपासना करने की छूट दी गई।

2. इंग्लैंड के शासकों द्वारा पॉप से अपने संबंधों को त्यागने को कहा गया। राजा-रानी इंग्लैंड के चर्च के प्रमुख बन गए।

3. स्पेन और इटली में पादरियों द्वारा सादा-जीवन और निर्धनों की सेवा पर जोर दिया गया।

4. इग्नेशियस लोयोला द्वारा 1540 में ‘सोसाइटी ऑफ़ जीसस’ नामक संस्था की स्थापना हुई।

5. इस आंदोलन के कारण मनुष्य को ईश्वर से संपर्क साधने के लिए पादरी की आवश्यकता नहीं रही।

6. व्यक्ति का ईश्वर में विश्वास उसे स्वर्ग में प्रवेश दिलवा सकता है।

7. ईश्वर में पूर्ण विश्वास ही सम्पूर्ण जीवन पाने का मार्ग है।

8. इस आंदोलन के कारण चर्च ने पॉप तथा कैथोलिक चर्च से अपने संबंध समाप्त कर दिए।

Question: 24 महिलाओं की आकांक्षाएं क्या थी?

Answer:

महिलाओं की आकांक्षाएं निम्नलिखित थी :-

1. फेदेले ने इस विचारधारा को चुनौती दी कि एक मानवतावादी विद्वान के गुण एक महिला के पास नहीं हो सकते।

2. फेदेले का नाम यूनानी और लातिनी भाषा के विद्वान के रूप में विख्यात था , उन्हें पादुआ विश्वविद्यालय में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था।

3. वैयक्तिता हो नागरिकता के विचारों से महिलाओं को दूर रखा गया।

4. सार्वजनिक जीवन में अभिजात व संपन्न पुरुषों का प्रभुत्व था।

5. फेदेले वेनिस की उन लेखिकाओं में से थी जिन्होंने गणतंत्र की आलोचना “स्वतंत्र एक बहुत सीमित परिभाषा निर्धारण करने के लिए की, जो महिलाओं की उपेक्षा पुरुष की इच्छा का ज्यादा समर्थन करती थी”।

Question: 25 पुनर्जागरण ने दुनिया को कैसे प्रभावित किया? प्रोटेस्टेंट सुधार पर जोर देते हुए चर्चा करें।

Answer:

पुनर्जागरण ने दुनिया को निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित किया :-

1. तार्किक शक्ति का विकास।

2. पॉप की सर्वोच्चता को अस्वीकार करना।

3. मानवतावाद का प्रसाद लौकिक अभिरुचियों का विकास।

4. धर्म सुधार आंदोलन।

5. ‘मार्टिन लूथर’ का योगदान।

6. दंड मोचन सर्टिफिकेट का विरोध।

7. पाॅप आदेशों का अवहेलना।

8. ईसाई धर्म का दो भागों में बांट जाना प्रोटेस्टेंटंवादी व कैथोलिक।

Question: 26 मुद्रित पुस्तक उपलब्ध होने के क्या लाभ हुए?

Answer:

मुद्रित पुस्तक उपलब्ध होने के निम्नलिखित लाभ हुए :-

1. जर्मन मूल के ‘जोहानेस गुटेनबर्ग’ ने पहले छापेखाने का निर्माण किया 1455 में इस कार्यशाला में बाइबल की 150 प्रतियां छपीं।

2. मुद्रण की तकनीक से यूरोप के व्यापारी और राजनयिक मंगोलों के राज दरबार में अपनी यात्राओं से परिचित हुए।

3. 15वीं शताब्दी तक अनेक क्लासिकी ग्रंथों , जिनमें अधिकतर लातिनी ग्रंथ थे , उनका मुद्रण इटली में हुआ था।

4. 15वीं शताब्दी के अंत से इटली की मानवतावादी संस्कृति का आल्प्स पर्वत के पार बहुत तेजी से फैलने का कारण वहाँ पर छपी हुई पुस्तकों का वितरण था।

Question: 27 ‘अल्बर्ट डयूरर’ कौन थे?

Answer:

चित्रकारों ने वास्तविक रूप में चित्रित किया और उनके चित्रों में रंगों के हल्के प्रभाव के उपयोग के कारण त्रिआयामी प्रभाव था।

Question: 28 ‘यथार्थवाद’ से क्या अभिप्राय है?

Answer:

चित्रकारों के लिए नमूने के रूप में प्राचीन कृतियाँ नहीं थी फिर भी मूर्तिकारों की तरह उन्होंने वास्तविक चित्र बनाने का प्रयास किया। उन्हें अब यह ज्ञात हो गया कि रेखागणित के ज्ञान से चित्रकार अपने परिदृश्य को अच्छी तरह से समझ सकता है और प्रकाश के बदलते गुणों का अध्ययन करने से अनेक चित्रों में त्रि-आयामी रूप दिया जा सकता है।

1. लेप चित्र बनाने के लिए तेल को एक माध्यम के रूप में प्रयोग कर चित्रों को पहले की अपेक्षा अधिक रंगीन और चमकीला बनाया।

2. उनके अनेक चित्रों में दिखाए गए वस्त्रों के डिजाइन एवं रंग संयोजन में चीनी तथा फारसी चित्रकार का प्रभाव दिखाई देता है , जो उन्हें मंगोलों से मिली थी।

Question: 29 ‘कोपरनिकसीय’ क्रांति में क्या हुआ।

Answer:

‘कोपरनिकसीय’ क्रांति में निम्नलिखित घटनाएं हुई :-

1. ईसाइयों का यह विश्वास था कि पृथ्वी पापों से भरी हुई है।

2. पापों की अधिकता के कारण वह स्थिति है।

3. पृथ्वी ब्रह्मांड के बीच में स्थित है। जिसके चारों और खगोलीय ग्रह घूम रहे है।

4. ‘कॉपरनिकस’ की घोषणा पृथ्वी समेत सारे ग्रह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।

5. ‘कॉपरनिकस’, परंपरावादी ईसाई धर्माधिकारीयों से भयभीत थे।

6. इस कारण अपनी पांडुलिपि ‘दि रिवल्यूशनिबस’ को प्रकाशित नहीं कराया।

Question: 30 मनुष्य की एक नई संकल्पना क्या थी?

Answer:

मनुष्य की एक नई संकल्पना निम्नलिखित थी :-

1. इटली के निवासी भौतिक संपत्ति शक्ति और गौरव से बहुत ज्यादा आकृष्ट थे।

2. यह आदर्श इस विश्वास के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा था , कि मनुष्य का स्वभाव बहुमुखी है , जो कि तीन भिन्न-भिन्न वर्गों जिसमें सामंती समाज विश्वास करता था के विरुद्ध जाता था।

3. वेनिस के मानवतावादी फ्रेंचेस्को बरबारों (1390-1454) में अपनी एक पुस्तक में संपत्ति अधिग्रहण करने को एक विशेष गुण कहकर उसकी काफी तारीफ की।

4. मानवतावाद का मतलब यह भी था कि व्यक्ति विशेष सत्ता और दौलत की होड़ को छोड़कर अन्य कई माध्यमों से अपने जीवन को रूप दे सकता था।

5. ‘लोरेंजो वल्ला’ ने अपनी पुस्तक ‘ऑनप्लेज़र’ में ईसाई धर्म द्वारा भोग-विलास पर लगाई गई निषेधाज्ञा की आलोचना की।

6. मानवतावादी संस्कृति की विशेषताओं में से एक था , मानव जीवन पर धर्म का नियंत्रण कमजोर होना।

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