पाठ: साँवले सपनों की याद प्रश्न और उत्तर Class 9 Hindi (क्षितिज)

NCERT Solutions for class 9 Hindi (kshitij) sawle sapnon ki yaad Question and answers

प्रश्न अभ्यास

साँवले सपनों की याद

– लेखक (जाबिर हुसैन)

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प्रश्न: 1 किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?

उत्तर :

एक दिन बचपन में सालिम अली से दोपहर के समय उनके मामा द्वारा दी गई एयर गन से एक गौरेया घायल हो गई थी जोकि नीले कंठ की थी। इसी घटना से उनके जीवन की दशा में परिवर्तन आया और वह घायल गौरैया उनके लिए नए-नए खोज के साधन बनी।


प्रश्न: 2 सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आंखें नम हो गई थीं?

उत्तर :

केरल राज्य में उपस्थित साइलेंट वैली भारत का एक अकेला वर्षा वन है जहां वन्य जीवन अधिक मात्रा में स्थित है। सरकारी योजनाओं के कारण लिए गए कुछ सरकारी कदमों से उसे खतरों का सामना करना पड़ा था।

तब सालिम अली ने उसी क्षण प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिलकर उन्हें इस विषय में व्यापक विनाश का चित्र खींचते हुए बताया होगा कि ,अगर उसकी रक्षा नहीं की गई तो वन्य पशु-पक्षियों और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियों का हमेशा के लिए विनाश हो जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो आने वाली पीढ़ियां उन्हें देख नहीं पाएंगे और बीतते समय के साथ केरल का हरा भरा प्रदेश थार के रेगिस्तान में बदल जाएगा।

सालिम अली ने प्रश्न करते हुए कहा ‘क्या कोई देश प्रेमी ऐसा होने देगा’? सालिम अली की बातें सुनकर ग्रामीण पृष्ठभूमि के नेता होने के नाते चौधरी साहब की आंखें नम हो गई।


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प्रश्न: 3 लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गौरेया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?”

उत्तर :

डी एच लॉरेंस खुले दिल के प्रकृति प्रेमी व्यक्त कवि थे और सादगी पसंद आदमी भी। वह अपने आस-पास होने वाली प्राकृतिक गतिविधियों को करीब से जानते थे उस से प्रेम करते थे। जिनमें से प्रतिदिन छत पर बैठने वाली गौरैया भी एक थी।

“मेरी छत पर बैठने वाली गोरिया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती हैं ” फ्रीडा को ऐसा इसलिए लगता था क्योंकि उसे लगा कि गौरैया लॉरेंस और उसके बारे में सब कुछ जानती होगी।


प्रश्न: 4 आशय स्पष्ट कीजिए:

(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।

(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा।

(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे थे।

उत्तर :

क) इस पंक्ति में लेखक ‘जाबिर हुसैन’, ‘सलीम अली’ के प्रकृति प्रेम के बारे में बता रहे हैं की किस तरह उन्होंने प्रकृति से संबंधित बहुत से नए रास्तों की खोज की। जिस तरह अंग्रेजी के फेमस उपन्यासकार “डी एच लॉरेंस” का प्रकृति के प्रति गहरा लगाव था ठीक उसी तरह सालिम अली भी प्रकृति से बहुत गहरा लगाव व प्रेम करते थे। इसी कारण वह लॉरेंस की भांति इस वर्ष भी जीवन की प्रतिमा बन गए।

ख) प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि जिस प्रकार कोई वन्य पक्षी अपनी अंतिम स्थिति में पहुंच जाता है तो वह अपना आखिरी गीत गुनगुना कर मृत्यु की और चला जाता है। और प्रकृति में मिल जाता है फिर उसे अनेक कोशिशों के बाद भी दोबारा जीवन नहीं मिल सकता वह मेरा ठीक इसी तरह सालिम अली भी अपने जीवन के लंबे सफर को तय करके अब अपने सभी सपना को त्याग कर इस संसार से जा चुके हैं। उन्हें किसी भी प्रकार से जीवित नहीं किया जा सकता।

ग) इन पंक्तियों से अभिप्राय है कि सालिम अली के जिज्ञासु और ब्राह्मण शील स्वभाव के कारण प्रकृति तथा प्राणी जगत की हर एक चीजों को बेहद बारीकी से जाना और समझा।

उनका तजुर्बा एक टापू की तरह स्थिर तथा दिखावटी पन्ना बनकर समुद्र के प्रति गहराई को लिए हुए था।


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प्रश्न: 5 इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।

उत्तर :

पाठ के आधार पर लेखक की भाषा शैली की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-

1. सालिम अली ने हिंदी व उर्दू भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी शब्दों का भी प्रयोग किया है।

2. इनकी शैली रचनात्मक हैं।

3. सालिम अली की भावाभिव्यक्ति दिल को आनंदित कर देती है।

4. सरल व सहज भाषा का उपयोग।

5. सलीम अली पक्षी प्रेमी के साथ प्रकृति के भी प्रेमी थे।

6. वे पक्षियों की खोज में लंबी-लंबी यात्राएं करते थे।


प्रश्न: 6 इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :

सालिम अली प्रकृति के सच्चे प्रेमी थे तथा पक्षी के भी। वह प्रकृति में जीवन जीतना पसंद करते थे। वे विचारशील व्यक्ति थे। उनका स्वभाव ब्राह्मण शील तथा जिज्ञासु का था।

वे पक्षियों के रहन-सहन व उनके अनेक प्रकृति के प्रजाति की खोज करने निकलते , उनके हाथ में हमेशा एक दूरबीन रहता और यदि वह एक बार खोज पर निकल गए तो कुछ ना कुछ खोज कर ही घर लौटते थे। यही नहीं सालिम अली ने अपनी आत्मकथा का नाम भी गोरिया पर ही रखा जो है ‘फॉर्म ऑफ ए स्पैरो’।

उनके जैसे प्रकृति प्रेमी तथा बर्ड वॉचर (पक्षी के बारे में जानने का शौक रखने वाला) इस संसार में शायद ही कोई दूसरा हो।


प्रश्न: 7 साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर :

सांवले सपनों की याद’ शीर्षक सार्थक है। सालिम अली जीवन भर प्रकृति और सुनहरे पक्षियों की दुनिया में खोए रहे। वह प्रकृति की हर एक छोटी सी छोटी चीज की खोज कर लेते थे। वह ऐसे व्यक्ति थे जिनमें खोज की एक अलग से ललक जिज्ञासा थी पूर्णिया यह उनका सपना ही था। ऐसे सपने हर किसी को नहीं आते और ना ही आज के समय में कोई पक्षी प्रेम में इतना लीन हो सकता है।

आज सालिम अली तो नहीं है लेकिन उनकी यादें और सपने अब भी जीवित हैं। इसलिए यह शीर्षक सार्थक के साथ-साथ रहस्यात्मक भी है।


रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न: 8 प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?

उत्तर :

आज के समय में सबसे ज्यादा प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है जो पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इससे जल के स्रोत जैसे नदी नाले सब बंद हो जाते हैं। तथा तालाब में रहने वाले जलीय जीव भी मर जाते हैं। हम यह चेतना पैदा करेंगे कि प्लास्टिक का प्रयोग न किया जाए केवल वही प्लास्टिक काम में लाया जाए जो बायोडिग्रेडेबल हो।

प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग ना करते हुए पत्र।

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