NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 10, “Kaidi Aur Kokila,” provide comprehensive answers to the questions and exercises in this captivating literary work.
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter-10 Kaidi Aur kokila Questions and Answers
प्रश्न1. कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया?
उत्तर: कोयल की कूक सुनकर कवि की प्रतिक्रिया में जिज्ञासा और संवेदनशीलता का मिश्रण होता है। कवि को लगता है कि कोयल असमय में कुकने लगी है, जिससे वह यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि क्या कोयल किसी विशेष संदेश को लेकर आई है। कवि की मनोदशा में यह भी शामिल है कि वह कोयल के माध्यम से अपनी पीड़ा और यातनाओं को व्यक्त करना चाहता है।
कवि की प्रतिक्रिया में यह भी संकेत मिलता है कि कोयल की कूक उसे अपनी स्थिति की याद दिलाती है, और वह उसके माध्यम से अपनी भावनाओं को साझा करने की कोशिश करता है। इस प्रकार, कोयल की कूक कवि के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन जाती है, जो उसे अपनी यातनाओं के बारे में सोचने पर मजबूर करती है।
उदाहरण के लिए, कवि यह सोचता है कि क्या कोयल उसकी पीड़ा को समझती है और क्या वह उसकी मदद करने आई है। इस प्रकार, कवि की प्रतिक्रिया कोयल की कूक के प्रति उसकी गहरी संवेदनशीलता और उसके जीवन की कठिनाइयों का प्रतिबिंब है।
प्रश्न2. कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना की है?
उत्तर: कवि ने कोकिल के बोलने के कई संभावित कारणों की चर्चा की है, जो उसकी मनोदशा और परिस्थिति को दर्शाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:
- संदेश का संप्रेषण: कवि का मानना है कि कोकिल किसी महत्वपूर्ण संदेश को लेकर आई है, जो उसे बताना चाहती है।
- दुख का प्रदर्शन: कोकिल की चीख से यह भी संकेत मिलता है कि वह किसी पीड़ा या संकट का अनुभव कर रही है, जिसे वह दूसरों के साथ साझा करना चाहती है।
- सहानुभूति: कवि यह सोचता है कि कोकिल उसकी यातनाओं के प्रति सहानुभूति प्रकट करने आई है, जिससे उसे मानसिक संबल मिल सके।
- क्रांति का प्रतीक: कोकिल के गीतों में क्रांति की भावना भी छिपी हो सकती है, जो कवि को प्रेरित करती है।
- अंधकार का बोध: कोकिल की आवाज अंधकार और निराशा का बोध कराती है, जो उस समय की राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है।
इन संभावनाओं के माध्यम से कवि कोकिल की आवाज को न केवल एक साधारण पक्षी की आवाज के रूप में देखता है, बल्कि उसे एक गहरे अर्थ और संदेश का वाहक मानता है।
प्रश्न3. किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों?
उत्तर: कविता “कैदी और कोकिला” में ब्रिटिश शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है। यहाँ ‘तम’ का अर्थ अंधकार या निराशा से है। कवि ने यह तुलना इसलिए की है क्योंकि ब्रिटिश शासन ने भारतीयों पर अत्याचार किए और उन्हें मानसिक तथा शारीरिक यातनाएँ दीं। इस शासन के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को जेलों में बंद करके रखा गया, जहाँ उन्हें अंधेरी कोठरियों में रखा जाता था और उन्हें विभिन्न प्रकार की यातनाएँ दी जाती थीं।
कवि ने इस अंधकार को उस काले शासन के रूप में देखा है, जिसने भारतीयों की स्वतंत्रता की आकांक्षाओं को दबाने का प्रयास किया। इस प्रकार, ब्रिटिश शासन को ‘तम’ के समान काला बताया गया है, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी भारतीयों को प्रभावित करता था।
इस तुलना से यह स्पष्ट होता है कि कवि ने अपने अनुभवों और उस समय की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति को गहराई से समझा है और उसे काव्य में व्यक्त किया है।
प्रश्न4. कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यातनाओं का वर्णन कीजिए?
उत्तर: कविता “कैदी और कोकिला” में पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यातनाओं का वर्णन इस प्रकार किया गया है:
- शारीरिक यातनाएँ: स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में चोरों और बटमारों के साथ रखा जाता था। उन्हें अलग से रखने की कोई व्यवस्था नहीं होती थी, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और भी खराब हो जाती थी।
- भोजन की कमी: कैदियों को भरपेट भोजन नहीं दिया जाता था। उन्हें अक्सर भूखा रखा जाता था, जिससे उनकी शारीरिक स्थिति बिगड़ जाती थी।
- हथकड़ियाँ: कवि ने हथकड़ियों को गहना कहा है, जो यह दर्शाता है कि ये हथकड़ियाँ उनके लिए गर्व का प्रतीक थीं, लेकिन साथ ही यह भी दिखाती हैं कि उन्हें कितनी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था।
- मानसिक यातनाएँ: कैदियों को अंधेरी और छोटी कोठरियों में रखा जाता था, जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता था। उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की यातनाएँ दी जाती थीं।
- मारपीट और अपमान: कैदियों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें गालियाँ दी जाती थीं। यह सब उनके मनोबल को तोड़ने के लिए किया जाता था।
इस प्रकार, कविता में जेलों की भयावह स्थिति और कैदियों की पीड़ा को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो उस समय के ब्रिटिश शासन की क्रूरता को उजागर करता है।
प्रश्न5. भाव स्पष्ट कीजिए:
(क) मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!
(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कूँआ।
उत्तर: (क) इस पंक्ति में कवि ने कोयल की आवाज को एक विशेष संदर्भ में प्रस्तुत किया है। “मृदुल वैभव” का अर्थ है कोयल की मीठी और मधुर आवाज, जो सुनने में बहुत सुखद और आकर्षक होती है। कवि यहाँ कोयल से यह अपेक्षा कर रहा है कि उसकी आवाज उस वैभव की रक्षा करे, जो उसके जीवन में मौजूद है।
यहाँ “रखवाली” का अर्थ है सुरक्षा या संरक्षण। कवि चाहता है कि कोयल की आवाज उसकी पीड़ा और दुखों को कम करे, जैसे कि एक संरक्षक अपने प्रिय वस्तुओं की रक्षा करता है। यह पंक्ति कवि की भावनाओं को दर्शाती है, जहाँ वह अपनी कठिनाइयों के बीच कोयल की मधुर आवाज को एक सहारा मानता है।
उदाहरण: जब हम किसी कठिन समय से गुजरते हैं, तो हमें संगीत या किसी प्रिय धुन की आवश्यकता होती है, जो हमें सांत्वना दे सके। इसी तरह, कवि कोयल की आवाज को अपने दुखों से राहत देने वाले एक साधन के रूप में देखता है।
इस प्रकार, यह पंक्ति न केवल कोयल की आवाज की सुंदरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे एक साधारण प्राकृतिक ध्वनि भी मानव मन की गहराइयों में छिपे भावनाओं को छू सकती है।
(ख) इस पंक्ति में कवि अपनी कठिनाइयों और संघर्षों का वर्णन कर रहा है। “हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ” का अर्थ है कि कवि को अपनी जीविका के लिए कठिन श्रम करना पड़ रहा है, जैसे कि वह भारी वजन खींच रहा हो। यह एक प्रकार की शारीरिक मेहनत का प्रतीक है, जो उसकी मानसिक और शारीरिक पीड़ा को दर्शाता है।
“खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कूँआ” में कवि यह व्यक्त कर रहा है कि वह ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। “कूँआ” का अर्थ है गहरा गड्ढा, जो यहाँ ब्रिटिश शासन की कठोरता और अत्याचारों का प्रतीक है। कवि यह बताना चाहता है कि वह इस गहरे गड्ढे को खाली करने का प्रयास कर रहा है, यानी वह ब्रिटिश शासन की शक्ति को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।
इस प्रकार, यह पंक्ति न केवल कवि की व्यक्तिगत पीड़ा को दर्शाती है, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में भी एक गहरी सामाजिक और राजनीतिक टिप्पणी है। कवि अपने संघर्ष के माध्यम से यह दिखाता है कि कैसे वह अपने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है, भले ही उसे कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़े।
प्रश्न6. अद्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा है?
उत्तर: कवि को अद्धरात्रि में कोयल की चीख सुनकर कई प्रकार के अंदेशे होते हैं। वह सोचता है कि शायद कोयल पागल हो गई है या उसे कोई गहरी पीड़ा है जिसे वह व्यक्त करना चाहती है। कवि यह भी मानता है कि कोयल ने भारतीयों के आक्रोश और असंतोष की ज्वाला को देख लिया है, जिससे वह चिंतित है। इसके अलावा, यह भी संभव है कि कोयल अपने गीतों के माध्यम से कवि को प्रेरित करने या उसके दुःख को साझा करने का प्रयास कर रही हो। इस प्रकार, कोयल की चीख कवि के लिए एक संकेत बन जाती है, जो उसे अपने और समाज के दुखों की ओर ध्यान आकर्षित करती है।
उदाहरण के लिए, यदि हम इसे एक रूपक के रूप में देखें, तो कोयल की आवाज़ स्वतंत्रता की प्रतीक हो सकती है, जो कवि को उसकी कैद से बाहर निकलने की प्रेरणा देती है। इस संदर्भ में, कोयल की चीख केवल एक प्राकृतिक ध्वनि नहीं है, बल्कि यह एक गहरी सामाजिक और राजनीतिक चेतना का प्रतीक है।
प्रश्न7. कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है?
उत्तर: कवि को कोयल से ईर्ष्या इसलिए हो रही है क्योंकि कोयल स्वतंत्रता का प्रतीक है, जबकि कवि जेल में बंद है। कोयल पेड़ की हरी-भरी डाली पर बैठकर अपनी मीठी आवाज में गा रही है, जो उसे अपनी स्वतंत्रता और खुशियों की याद दिलाती है। इसके विपरीत, कवि एक छोटी सी काली कोठरी में कैद है, जहाँ उसकी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है।
कवि की ईर्ष्या का एक और कारण यह है कि कोयल की कूक उसे अपनी पीड़ा और यातनाओं की याद दिलाती है। वह सोचता है कि कोयल के गीतों में जो आनंद है, वह उसे नहीं मिल सकता। कवि को यह भी लगता है कि कोयल उसकी स्थिति को समझती है और शायद उसकी पीड़ा को साझा करने आई है, लेकिन वह खुद उस स्थिति में नहीं है कि वह अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सके।
इस प्रकार, कवि की ईर्ष्या केवल स्वतंत्रता की चाहत नहीं है, बल्कि यह उसके दुख और असहायता का भी प्रतीक है।
प्रश्न8. कवि के स्मृति पटल पर कोयल के गीतों की कौन सी मधुर स्मृतियां अंकित हैं जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है?
उत्तर: कवि के स्मृति पटल पर कोयल के गीतों की कई मधुर स्मृतियां अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुला है। ये स्मृतियां कवि के जीवन के सुखद क्षणों को दर्शाती हैं, जैसे:
- प्राकृतिक सौंदर्य: जब ओंस से सनी घास पर सूरज की किरणें पड़ती हैं, तब कोयल अपने मधुर गीत गाती है। यह दृश्य कवि के लिए आनंददायक होता है और उसे प्रकृति की सुंदरता का अनुभव कराता है।
- रात की मधुरता: रात के समय कोयल की आवाज़ सुनकर कवि को शांति और सुकून का अनुभव होता है। यह उसे अपने दुखों से दूर ले जाती है।
- क्रांति की भावना: कोयल के गीतों में एक गहरी भावना होती है, जो कवि में क्रांति की प्रेरणा जगाती है। ये गीत उसे अपने संघर्ष की याद दिलाते हैं और उसे साहस प्रदान करते हैं।
हालांकि, वर्तमान में कवि को लगता है कि ये मधुर स्मृतियां अब नष्ट हो रही हैं, क्योंकि उसकी परिस्थितियाँ बदल गई हैं। वह जेल की काली कोठरी में बंद है और उसे लगता है कि कोयल का व्यवहार भी अब पहले जैसा नहीं रहा। इस प्रकार, कवि की यह मानसिक स्थिति उसके दुख और निराशा को दर्शाती है।
प्रश्न9. हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है?
उत्तर: हथकड़ियों को गहना कहने का तात्पर्य यह है कि कवि ने उन्हें एक प्रकार का सम्मान या गर्व का प्रतीक माना है। जब कवि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेता है और उसे हथकड़ियाँ पहनाई जाती हैं, तो वह इसे अपनी देशभक्ति और बलिदान का प्रतीक मानता है।
इसका एक उदाहरण यह है कि जब कोई व्यक्ति अपने देश के लिए लड़ता है और उसे कैद किया जाता है, तो वह हथकड़ियों को अपने संघर्ष का प्रतीक मानता है। इस प्रकार, कवि यह दर्शाना चाहता है कि हथकड़ियाँ केवल एक शारीरिक बंधन नहीं हैं, बल्कि यह उस व्यक्ति की निष्ठा और साहस का प्रतीक हैं जो स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है।
इस दृष्टिकोण से, कवि हथकड़ियों को गहना कहकर यह बताना चाहता है कि वे उसे कमजोर नहीं बनातीं, बल्कि उसे और अधिक मजबूत बनाती हैं, क्योंकि वह अपने देश के लिए लड़ाई लड़ रहा है।
प्रश्न10. ‘काली तू …. ऐ आली!’ – इन पंक्तियों में ‘काली’ शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए?
उत्तर: ‘काली तू …. ऐ आली!’ इस पंक्ति में ‘काली’ शब्द का बार-बार प्रयोग कवि की भावनाओं को गहराई से व्यक्त करता है। इस शब्द की आवृत्ति से एक विशेष चमत्कार उत्पन्न होता है, जो पाठक को कवि के मन की गहराई में ले जाता है।
- अर्थ की विविधता: ‘काली’ शब्द का प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किया गया है। यह एक ओर ब्रिटिश शासन के अंधकारमय और अत्याचारी स्वरूप को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह उस निराशा और दुख को भी उजागर करता है जो कवि अपने जीवन में अनुभव कर रहा है।
- भावनात्मक प्रभाव: जब कवि ‘काली’ शब्द का प्रयोग करता है, तो यह पाठक के मन में एक गहरी छाप छोड़ता है। यह शब्द केवल एक रंग नहीं है, बल्कि यह एक स्थिति, एक भावना और एक अनुभव को भी दर्शाता है।
- सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ: इस पंक्ति में ‘काली’ शब्द का प्रयोग ब्रिटिश शासन के काले अध्याय को भी उजागर करता है। कवि इस शब्द के माध्यम से उस समय की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को चित्रित करता है, जब स्वतंत्रता सेनानियों को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा था।
- काव्य सौंदर्य: इस पंक्ति में तुकबंदी और लय का प्रयोग भी किया गया है, जो कविता को और अधिक प्रभावशाली बनाता है। ‘काली’ शब्द की आवृत्ति से कविता में एक संगीतात्मकता भी आती है, जो पाठक को मंत्रमुग्ध कर देती है।
इस प्रकार, ‘काली’ शब्द की आवृत्ति न केवल कविता की गहराई को बढ़ाती है, बल्कि यह पाठक को उस समय की भयावहता और कवि की पीड़ा का अनुभव भी कराती है।
प्रश्न11. काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए:
(क) किस दावानल की ज्वालाएं हैं दीखी?
उत्तर: यहां “दावानल” का अर्थ है आग या ज्वाला, जो किसी विनाशकारी स्थिति या संघर्ष का प्रतीक है। कवि कोयल की आवाज़ को सुनकर उसके मन में उठने वाली जिज्ञासा और चिंता को व्यक्त कर रहा है। वह यह सोचता है कि क्या कोयल किसी संकट या विपत्ति का संकेत दे रही है।
इस पंक्ति में कवि ने अपनी संवेदनाओं को व्यक्त करने के लिए एक रूपक का प्रयोग किया है। दावानल की ज्वालाएं उस आग का प्रतीक हैं जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीयों के दिलों में जल रही थी। यह ज्वाला न केवल शारीरिक पीड़ा का प्रतीक है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक संघर्ष का भी संकेत देती है।
कवि की यह चिंता दर्शाती है कि वह केवल अपनी पीड़ा नहीं, बल्कि अपने देशवासियों की पीड़ा को भी महसूस कर रहा है। इस प्रकार, यह पंक्ति न केवल काव्यात्मक सौंदर्य को प्रस्तुत करती है, बल्कि एक गहरी सामाजिक और राजनीतिक चेतना को भी उजागर करती है।
इस प्रश्न का उत्तर कवि की गहरी संवेदनाओं और उसके काव्यात्मक दृष्टिकोण को समझने में मदद करता है। यह दर्शाता है कि कैसे एक साधारण प्राकृतिक ध्वनि, जैसे कोयल की कूक, कवि के मन में ज्वाला की तरह जलती हुई भावनाओं को जन्म देती है।
(ख) तेरी गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह!
देख विषमता तेरी-मेरी, बजा रही तिस पर रणभेरी!
उत्तर: काव्य-सौंदर्य का विश्लेषण:
प्रश्न में दी गई पंक्तियों में कवि ने अपनी और कोयल की स्थिति की विषमता को उजागर किया है।
- “तेरी गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह!”
- इस पंक्ति में कवि कोयल के गीतों की प्रशंसा करता है, जो उसकी मधुरता और सुंदरता को दर्शाता है। लेकिन साथ ही, कवि यह भी महसूस करता है कि उसकी अपनी स्थिति इतनी दुखद है कि उसे रोना भी गुनाह लगता है। यह भावनात्मक द्वंद्व दर्शाता है कि कैसे एक सुंदर गीत सुनने के बावजूद, कवि की आत्मा में पीड़ा है।
- “देख विषमता तेरी-मेरी, बजा रही तिस पर रणभेरी!”
- यहाँ कवि अपनी और कोयल की स्थिति की तुलना करता है। कोयल स्वतंत्रता का प्रतीक है, जबकि कवि जेल में बंद है। “रणभेरी” का अर्थ है युद्ध की घंटी, जो यह दर्शाता है कि कवि की पीड़ा और संघर्ष की गूंज समाज में सुनाई दे रही है। यह पंक्ति यह भी संकेत करती है कि कवि की पीड़ा केवल उसकी व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह एक बड़े संघर्ष का हिस्सा है।
काव्य-सौंदर्य के तत्व:
- विम्बात्मकता: कवि ने कोयल के गीतों को एक सुंदर विम्ब के रूप में प्रस्तुत किया है, जो उसकी स्वतंत्रता और खुशी का प्रतीक है।
- भावनात्मक गहराई: कवि की पीड़ा और कोयल की स्वतंत्रता के बीच का अंतर गहराई से दर्शाया गया है, जो पाठक को सोचने पर मजबूर करता है।
- संगीतात्मकता: पंक्तियों में रिदम और ध्वनि का सुंदर तालमेल है, जो कविता को और भी प्रभावशाली बनाता है।
इस प्रकार, इन पंक्तियों में कवि ने न केवल अपनी व्यक्तिगत पीड़ा को व्यक्त किया है, बल्कि समाज में व्याप्त अन्याय और संघर्ष को भी उजागर किया है।
सारांश: कवि की स्थिति और कोयल की स्वतंत्रता के बीच की विषमता को दर्शाते हुए, ये पंक्तियाँ गहरी भावनाओं और संघर्षों को व्यक्त करती हैं, जो पाठक को सोचने पर मजबूर करती हैं।
रचना एवं अभिव्यक्ति
प्रश्न12. कवि जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना भी सुनता होगा लेकिन उसने कोकिला की ही बात क्यों की है?
उत्तर: कवि ने जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना सुनने के बावजूद कोकिला की ही बात की है क्योंकि कोकिला की आवाज़ उसके लिए विशेष महत्व रखती है। कोकिला की कूक न केवल एक साधारण पक्षी की आवाज है, बल्कि यह कवि के लिए स्वतंत्रता, आशा और प्रेरणा का प्रतीक बन जाती है।
- संवेदनशीलता: कवि कोकिला की आवाज़ को सुनकर अपनी पीड़ा और यातनाओं को महसूस करता है। वह सोचता है कि क्या कोकिला उसकी स्थिति को समझती है और क्या वह उसे कोई संदेश देने आई है।
- संदेश का प्रतीक: कोकिला की कूक को कवि एक संकेत के रूप में देखता है, जो उसे अपने और समाज के दुखों की ओर ध्यान आकर्षित करती है। यह आवाज़ उसे अपने संघर्ष की याद दिलाती है और उसे प्रेरित करती है।
- स्वतंत्रता का प्रतीक: कोकिला की स्वतंत्रता और खुशी कवि की कैद की स्थिति के विपरीत है। इस प्रकार, कोकिला की आवाज़ कवि के लिए एक गहरी भावनात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है, जो अन्य पक्षियों की आवाज़ों से अलग है।
इसलिए, कवि ने कोकिला की ही बात की है क्योंकि वह उसके लिए एक विशेष अर्थ रखती है, जो उसकी भावनाओं और संघर्षों को व्यक्त करती है।
कवि ने कोकिला की बात की क्योंकि उसकी आवाज़ उसके लिए स्वतंत्रता और प्रेरणा का प्रतीक है, जो उसे अपनी कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है।
प्रश्न13. आपके विचार से स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार क्यों किया जाता होगा?
उत्तर: स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
- राजनीतिक दबाव: ब्रिटिश शासन ने स्वतंत्रता सेनानियों को अपराधियों के रूप में देखना शुरू कर दिया था, क्योंकि वे उनके शासन के खिलाफ थे। इस प्रकार, उन्हें चोरों और बटमारों के साथ रखा गया ताकि उनकी मानसिकता को तोड़ा जा सके।
- सामाजिक नियंत्रण: स्वतंत्रता सेनानियों को अपराधियों के साथ रखने का उद्देश्य यह था कि इससे समाज में डर और असुरक्षा का माहौल बने। इससे अन्य लोग स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने से हिचकिचाएंगे।
- मानसिक यातना: स्वतंत्रता सेनानियों को अपराधियों के साथ रखने से उन्हें मानसिक यातनाएँ दी जाती थीं। यह एक प्रकार का दंड था, जिससे उन्हें यह महसूस कराया जाता था कि वे समाज के लिए हानिकारक हैं।
- समानता का भ्रम: ब्रिटिश शासन ने यह दिखाने का प्रयास किया कि स्वतंत्रता सेनानी और अपराधी एक समान हैं, ताकि स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिष्ठा को कम किया जा सके। इससे यह संदेश जाता था कि स्वतंत्रता सेनानी कोई विशेष सम्मान के पात्र नहीं हैं।
- अत्याचार का एक हिस्सा: यह व्यवहार उस समय की राजनीतिक स्थिति का एक हिस्सा था, जहाँ ब्रिटिश शासन ने भारतीयों पर अत्याचार करना सामान्य समझा। स्वतंत्रता सेनानियों को दंडित करना और उन्हें अपराधियों के साथ रखना उनके अत्याचारों का एक उदाहरण था।
इस प्रकार, स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ समान व्यवहार करने का उद्देश्य केवल उन्हें दंडित करना नहीं था, बल्कि यह एक रणनीति थी जिससे ब्रिटिश शासन अपनी शक्ति को बनाए रख सके।
पाठेतर सक्रियता
प्रश्न. पराधीन भारत की कौन-कौन सी जेलें मशहूर थीं, उनमें स्वतंत्रता सेनानियों को किस-किस तरह की यातनाएँ दी जाती थी? इस बारे में जानकारी प्राप्त कर जेलों की सूची एवं स्वतंत्रता सेनानियों के नामों को राष्ट्रीय पर्व पर मिति पत्रिका के रूप में प्रदर्शित करें।
उत्तर : छात्र स्वयं करे।
प्रश्न. स्वतंत्र भारत की जेलों में अपराधियों को सुधारकर हृदय परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है। पता लगाइए कि इस दिशा में कौन-कौन से कार्यक्रम चल रहे है?
उत्तर : छात्र स्वयं करे।
लेखक परिचय
माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई गांव में सन 1889 में हुआ मात्र 16 वर्ष की अवस्था में वे शिक्षक बने बाद में अध्यापन कार्य छोड़कर उन्होंने प्रभाव पत्रिका का संपादन शुरू किया वह देश भक्त कवि एवं प्रखर पत्रकार थे उन्होंने कर्मवीर और प्रताप का भी संपादन किया। सन 1968 मे उनका देहांत हो गया।
किडनी साहित्य देवता हिम वर्गिनी वे उन लोगों ने धारा उनकी प्रमुख कृतियां हैं उन्हें पद्म भूषण एक साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाएं राष्ट्रीय भावना से युक्त हैं उनमें स्वतंत्रता के चेतना के साथ प्रदेश के लिए त्याग और बलिदान की भावना मिलती है इसलिए उन्हें एक भारतीय आत्मा कहा जाता है इस अपना हमसे उन्होंने कविताएं भी लिखी है वह एक कवि कार्यकर्ता भी और स्वाधीनता आंदोलन के दौरान कई बार जेल गए। उन्होंने भक्ति प्रेम और प्रकृति संबंधी कविताएं भी लिखी है।
